इस महीने की 31 तारीख को दुर्लभ पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जिसमें महीने में दूसरी बार पूर्णिमा होगी। 'ब्ल्यू मून' अर्थात 'नीला चांद' कहलाने वाला यह नजारा 150
साल से ज्यादा समय बाद दिखाई देगा। यह 2018 का पहला ग्रहण होगा। भारतीय उपमहाद्वीप, पश्चिम एशिया और पूर्वी यूरोप में चांद के उदय के दौरान पहले से ही ग्रहण लगा रहेगा। उस समय प्रशांत महासागर चंद्रमा की सीध में होगा और ग्रहण मध्यरात्रि में होगा।
मध्य एवं पूर्वी एशिया, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर हिस्से में शाम को आसमान में चंद्र ग्रहण का नजारा साफ-साफ दिखेगा। अमरीका के अलास्का और हवाई एवं कनाडा के उत्तर पश्चिमी हिस्से में ग्रहण शुरू से अंत तक दिखेगा। पूर्ण चंद्रग्रहण 77 मिनट तक रहेगा।
'स्पेस.कॉम' की खबर के अनुसार इस दौरान चंद्रमा का निचला हिस्सा ऊपरी हिस्से की तुलना में ज्यादा चमकीला दिखेगा। इस साल के बाद अगली बार नीला चांद 31 दिसंबर, 2028 को फिर 31 जनवरी, 2037 को दिखेगा। दोनों ही बार पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है की इस रात माता लक्ष्मी रात्रि में यह देखने के लिए घूमती हैं कि कौन जाग रहा है और जो जाग रहा है महालक्ष्मी उसका कल्याण करती हैं। कहा जाता है इसी रात के बाद से मौसम बदलता है और सर्दी के मौसम का आगमन होता है। कहतें है की इसी रात में भगवान श्री कृष्ण भी गोपियों के साथ रासलीला रचातें हैं। इस रात अगर आपको आपको धन का खजाना पाना है तो देवी लक्ष्मी की इस रात अवश्य पूजा करनी चाहिए। शरदपूर्णिमा की रात दीवाली से भी ज्यादा अहम है, क्योंकि इस रात स्वयं मां लक्ष्मी अपने भक्तों को संपत्ति देने के लिये खोजती हैं।
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